दहेज़
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कल रात
बापू की चारपाई के पास
एक कागज़ मैंने पाया है ...
जिसपे लिखा हिसाब
मुझे कुछ समझ में
न आया है ..
उसमे लिखा था :-
25 हज़ार मामा ने
32 हजार फूफा ने
और 40 हज़ार चाचा ने
भिजवाया है ..
अपनी खाने की खुराक घटा के
छोटू की कॉलेज की पढाई रुकवा के
मकान की कीमत लाला के यहाँ लगा के
1 लाख रुपये
माँ - बापू ने भी जुटाया है
बुआ ने बेड
मौसी ने कलर टीवी
तो अम्मा ने सोने का कंगन बनवाया है
पर अभी पर अभी
मोटर साइकिल का कोई जुगाड़
न लग पाया है ....
इनसे ख़रीदा जायेगा मेरे लिए
मरा प्यार
मेरा मेरा यार , मेरा बाकी का सारा संसार
मेरा हमसफ़र
मेरा पति परमेश्वर ........... Ayush Shukla
( The image is borrowed from internet. )
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